चंडीगढ़ काग्रेंस ने आज सेक्टर 41 डी में पार्टी की स्थानीय इकाई के अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लक्की की अगुआई में अपनी 5वीं पदयात्रा का आयोजन किया.

आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आजादी की गौरव यात्रा के दैनिक संस्करणों को जारी रखते हुए चंडीगढ़ काग्रेंस  ने आज सेक्टर 41 डी में पार्टी की स्थानीय इकाई  के अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लक्की की अगुआई में अपनी 5वीं पदयात्रा का आयोजन किया.

यात्रा का आयोजन वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र बढ़ेहरी, स्थानीय काउंसलर जसबीर सिंह बंटी के अलावा ब्लाक अध्यक्ष विजय जूम, राजू पलसोरा, और अतििंदर सिंह ने किया था, जिसमें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष पवन बंसल के अलावा वार्ड नंबर 30 के सैकड़ों निवासी शामिल हुए.  तिरंगा यात्रा वॉर्ड नं 30 के विभिन्न इलाकों से गुज़री जिसमें  कांग्रेस कार्यकर्ताओं और सैकड़ों स्थानीय निवासियों ने भारत माता की जय के नारे लगाए.

प्रतिभागियों से बात करते हुए, पवन बंसल ने भारत गणराज्य की स्थापना में तिरंगे की महत्वपूर्ण भूमिका  के बारे में बताया कि यह भारतीय जनमानस पर  तिरगें का ही अभूतपूर्व प्रभाव ही है जो भारत आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने गर्व से अपने स्थान पर खड़ा है. उन्होंने कहा कि पहला अनौपचारिक राष्ट्रीय ध्वज बंगाल में 1906 में फहराया गया था. अंत में विभिन्न संस्करणों पर विचार करने के बाद महात्मा गांधी ने अंततः 1931 में तिरंगा को हमारे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में चुना, जिसमें चरखा था. इसी तिरंगे ने स्वदेशी आंदोलन को  एक नया रूप और आकार दिया, जिसने ब्रिटिश शासन की नींव को हिलाकर रख दिया.
बंसल ने आगे कहा कि भारतीय तिरंगा लोगों के मन और आत्मा को प्रभावित करता है जिससे यह बिल्कुल अलग विचार धारा और संस्कारों वाले लोगों के बीच भाईचारे, मित्रता और सौहार्द का प्रतीक बन गया है.  इसी तिरंगे ने लोगों को एक झंडे के नीचे विदेशी शासकों से लड़ने के लिए प्रेरित किया. भारत के तिरंगे की ऐसी अपील थी कि स्वतंत्रता सेनानी इसकी गरिमा की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान करने के लिए हंसते हंसते  तैयार हो जाते थे. इन्ही कारणों से  तिरंगा हमारे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पोषित लोकाचार और  वहां से उत्पन्न  मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है. 

बंसल ने आगे कहा आजादी मिलने के दिन से कुछ पहले 1931 के तिरंगे में केवल एक परिवर्तन किया गया, जब ध्वज के केंद्र में चरखा को 24 तीलियों  वाले अशोक चक्र  से बदल दिया गया था, जो महात्मा गांधी के चरखे के ही समान था.  बंसल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से हमेशा तिरंगे के सम्मान और गरिमा को बनाए रखने की अपील की क्यों कि भारत का राष्ट्रीय ध्वज हमारी समग्र संस्कृति और लोकाचार एवं संवैधानिक मूल्यों जैसे कि समाज के सभी वर्गों के बीच बिना किसी भेदभाव के समानता के अधिकार का प्रतिनिधित्व करता है और ऐसा करके यह देश की एकता और अखण्डता की रक्षा करता है.

चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष एच.एस.लक्की ने लोगों को आश्वासन दिया कि भारतीय तिरंगा, जिसने भारत के आधुनिक पुनरुत्थानवादी गणराज्य के उदय को आकार दिया, हमेशा हर भारतीय दिल में रहता रहेगा.  और काग्रेंस जन हमेशा तिरंगे की रक्षा और इसकी गौरवमयी महिमा की रक्षा के लिए कोई भी बलिदान देने के लिए तैयार रहेंगे.

पदयात्रा के दौरान अन्यों के अलावा युवा कांग्रेस के मनोज लुबाना और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ के सर्वोत्तम ने भी भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भारतीय तिरंगे की भूमिका को याद किया.

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